SAARI DUNIYA ADU SAHI AAO MUQABLA KARE G-GE9JD7T865 बिना युद्ध के नई दुनिया

 बिना युद्ध के नई दुनिया


मैं ये सपना नहीं देखता कि

कबूतर ऊंचे मकानों-टावरों से

जंगल को कब लौटेंगे....


ये सपना देखता हूँ कि

कयामत के बाद जब

दुनिया फिर से बसे

तो बसाने वाले को इन खंडहरों से 

सम्राज्य और धर्म के नाम हुए

युध्दों का लेखा मिले....


ताकि वो अपनी नई पीढ़ी को

यह बता सके

युद्ध कितना भयावह होता है

घाव और बुरी यादों के कुछ भी नहीं छोड़ता


_ कशिश बागी




0 Comments