G-GE9JD7T865 हम अचानक देशद्रोही हो गए

 हम अचानक देशद्रोही हो गए


हमने पहले आजादी के लिए तलवार उठाये

गांधी आये तो उनके पीछे चले

जरूरत पड़ी फांसी के फंदे पर भी झूले

आजादी के जश्न में बंटवारे का जहर भी पिया

फिर वो बोले देश भूखा है अनाज उगाओ

हमने अपनी हड्डियों को खेतों में जोता

और बोरे भर भर कर अनाज उगाए

हमने आधी रोटी और आधी मजूरीके बदले 

यहां के कारखानों को आबाद किया

फिर वो बोले सरहद पर दुश्मन आ बैठा है

हमने अपनी जान की बाजी लगा दी

देश बड़ा होता गया

हमने बदले में कुछ नहीं मांगा

बस लोकतांत्रिक तरीके से एक बार

हुकूमत से देश का हाल चाल पूछा

और हम अचानक देशद्रोही हो गए।


_ कशिश बागी


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