G-GE9JD7T865 तुम्हारे होंठो का मिलना

 तुम्हारे होंठो का मिलना


तुम्हारे और मेरे

होठों का मिलना

ऐसा है ,


जैसे क्षितिज पर

जमीं और आसमां

का मिलना,


मिले तो 

कभी नहीँ,


पर मिलने

का एहसास,


हर पल

होता रहता है¡!


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