तुम्हारे होंठो का मिलना
तुम्हारे होंठो का मिलना
तुम्हारे और मेरे
होठों का मिलना
ऐसा है ,
जैसे क्षितिज पर
जमीं और आसमां
का मिलना,
मिले तो
कभी नहीँ,
पर मिलने
का एहसास,
हर पल
होता रहता है¡!
#35007
G-GE9JD7T865
तुम्हारे और मेरे
होठों का मिलना
ऐसा है ,
जैसे क्षितिज पर
जमीं और आसमां
का मिलना,
मिले तो
कभी नहीँ,
पर मिलने
का एहसास,
हर पल
होता रहता है¡!
#35007
Newton , Darwin and The God While reading Richard Dawkin's "Selfish …
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