G-GE9JD7T865 तमाम प्रेम कविताओं को पढ़ने योग्य

तमाम प्रेम कविताओं को पढ़ने योग्य


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 जिन खूबसूरत होठों से

उसने पहली बार अपनी
माँ को बुलाया था-
किसी खोए प्रिय व्यक्ति को
चिल्ला पुकारा था-
अपने प्रिय कवि की
कविताओं का पाठ किया था-
जिन होठों से उसने-
लिया था ईश्वर और इंकलाब का नाम-
उन्हीं होठों से उसने कभी
चूमा था मुझे
और
मैं पावन हो उठा था-
दुनिया के तमाम धर्मस्थलों में जाने योग्य-
तमाम प्रेम कविताओं को पढ़ने योग्य।।

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